सोचता हूँ

सोचता हूँ
कि क्यूँ मेरे दिल में अब टीस उठती है
तेरी यादें तो सिर्फ रह गई हैं ज़ेहन में
तेरी बातें तो सिर्फ रह गई हैं ज़ेहन में
ना जाने अब भी क्यूँ वे जी उठती हैं?

अम्बर 

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