पुराने दरवाजे़


पुराने दरवाजों के आशियाने में छिपी
वो अपनी आरज़ू ज़ाहिर करने को
बेकरार है
अपनी किस्मत
अपनों के हाथों ही फूटते देख
रोती भी नहीं

अम्बर 

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