ये बेदर्दी

ये बेदर्दी
नज़रों के सामने से गुज़र न पाती
तो बात और थी, 
आँखों के रहते 
अंधे बने रहना कोई बहादुरी की बात नहीं,
ये भारतवर्ष है!
इसे लोकतांत्रिक न कहा जाता
तो बात और थी!

अम्बर 

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