और आज फिर तेरी याद आयी है..!
और आज फिर ये रात आयी है
लिख रहा हूँ ये नगमा तेरे नाम....
कि मुद्दतों बाद ये रात आयी है,
आज फ़िर तेरी याद आयी है...
कहीं कोई ढूँढता हो तुझे हर गली..
यकीं कर वो मैं नहीं...
मैं जानता हूँ तेरा बसेरा!
मुझे तुझको ढूँढने की क्यूँ पड़ी.
-अम्बर
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