By Chandra Prakash 'Ambar'
हैं दीवारें कई तेरे मेरे दरम्यां, वहाँ तू रोए है, हैं आँसुओं की धाराएँ ही यहाँ!
जिंदगी के किरदार का किराएदार मैं यहाँ, मुस्कुराहट के लिबास की कर्ज़दार तू वहाँ!
अम्बर
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