By Chandra Prakash 'Ambar'
बहती हवाओं का सहारा मिल गया, उगते सूरज का हमें नज़ारा मिल गया, भटकते-भटकते चले थे हम समंदर में यारों, डूबते-डूबते हमें किनारा मिल गया।
-चन्द्र प्रकाश 'अम्बर'
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