By Chandra Prakash 'Ambar'
मदहोश बूंदों की नहीं, मैं ओस की बूँदों की बात करने आया हूँ, इतिहास की नहीं, मैं आज की आस की बात करने आया हूँ, सौगात देने आया हूँ, मैं हिंदी की बात करने आया हूँ।
- चन्द्र प्रकाश 'अम्बर'
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