नज़रिया तो बदलकर देखो!

नज़रिया तो बदलकर देखो!


ज़िन्दगी को जीने का नज़रिया तो बदलकर देखो! 
संघर्ष की दीवार पर चढ़ने का नज़रिया तो बदलकर देखो, 
कितनी रोमांचक है यह ज़िन्दगी जो तुमने नहीं देखी! 
इक बार इस दुनिया को देखने का नज़रिया तो बदलकर देखो!

ज़माने को कोसने से पहले
ख़ुद को देखने का नज़रिया तो बदल कर देखो! 
ख़ुद को कोसने से पहले
खुद को जानने का नज़रिया तो बदलकर देखो! 
कितनी खुशनुमा है यह ज़िन्दगी जो तुमने नहीं देखी! 
इस ज़िन्दगी को जीने का नज़रिया तो बदलकर देखो! 

अधिकारों की बात करने से पहले
अधिकारों को देखने का नज़रिया तो बदलकर देखो! 
कर्तव्य तुम्हारे, अधिकार हैं किसी के लिए जो तुमने नहीं देखे! अरे! ज़माने को कोसने से पहले
ख़ुद को देखने का नज़रिया तो बदलकर देखो!

ख़ुद को खोने से पहले 
ख़ुद को पाने का नज़रिया तो बदलकर देखो! 
ख़ुद को पाने से पहले
ख़ुद को खोने का नज़रिया तो बदलकर देखो! 
ख़ुद में ही तो खुदा है जो तुमने नहीं देखा! 
अरे! अधिकारों की बात करने से पहले
अधिकारों को देखने का नज़रिया तो बदलकर देखो! 

दूसरों को जानने से पहले, दूसरों को पहचानने से पहले 
ख़ुद को जानने पहचानने का नज़रिया तो बदलकर देखो! 
सिक्कों के पहलू की तरह हो तुम जो तुमने नहीं देखा!
अरे! ख़ुद को खोने से पहले
खुद को पाने का नज़रिया तो बदलकर देखो!
-चन्द्र प्रकाश 'अम्बर'
© Copyright 2018 Chandra Prakash

Comments

Anonymous said…
Adorable 🌸

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